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राधास्तोत्रम् ०५ (व्रजमोहनदासविरचितं) | Radha stotram
श्रीराधास्तोत्रम्
व्रजमोहनदासकृतम् ।
जय जय वृषभा नुनन्दनि रमणीशिरोमणि राधिके ।
जय जय मोहननागरशेखरमदनमोहनमनोहारिके ॥ १॥
जय जय वृन्दाविपिनविहारिणि श्यामसुन्दरसुखदायिके ।
जय जय ललितादिकवशवर्तिनि नन्दनन्दनहृदि शायिके ॥ २॥
जय जय गोपीजनरतिनायकालिङ्गनसुखजीविके ।
जय जय प्रेमसुधामयि सुन्दरि पीताम्बरधरसेविके ॥ ३॥
जय जय नीलाम्बरवरधारिणि व्रजपतिसुतहृतवंशिके ।
जय जय शास्त्रागमान्तरवर्तिनि सिद्धसतीकुलवंशिके ॥ ४॥
जय जय रासविनोदविमोहिनि रासेश्वरि रसवर्धिके ।
जय जय कान्त्यामृतमदखण्डनि रूपवतीमदमर्दिके ॥ ५॥
जय…bottom of page
