
एडमिरल श्री दिनेश कुमार
Admiral Dinesh Kumar Tripathi
एडमिरल श्री दिनेश कुमार त्रिपाठी (PVSM, AVSM, NM) भारतीय नौसेना के 26वें नौसेनाध्यक्ष हैं, जिन्होंने 30 अप्रैल 2024 को यह पद ग्रहण किया। रीवा के सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे त्रिपाठी जी 1985 में नौसेना में शामिल हुए और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में विशेषज्ञता प्राप्त की। उन्होंने INS विनाश, किर्च और त्रिशूल जैसे प्रमुख युद्धपोतों का नेतृत्व किया और कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भी कार्य किया, जिनमें DGNO, Chief of Personnel और वेस्टर्न नेवल कमांड प्रमुख शामिल हैं। उन्हें उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और नौसेना मेडल से सम्मानित किया गया है।

श्री अमर प्रीत सिंह
Air Chief Marshal Amar Preet Singh
एयर चीफ मार्शल श्री अमर प्रीत सिंह, PVSM, AVSM, भारतीय वायुसेना के 28वें वायुसेना प्रमुख हैं। 21 दिसंबर 1984 को फाइटर पायलट के रूप में वायुसेना में शामिल हुए, उनके पास 5000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। वे एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं। मिग-29 अपग्रेड और तेजस उड़ान परीक्षणों में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने केंद्रीय वायु कमान, उप वायुसेना प्रमुख और कई रणनीतिक पदों पर कार्य किया है। वे स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के सशक्त समर्थक हैं और अपने सेवाकाल में कई विशिष्ट सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।

श्री अमृत मोहन प्रसाद
Amrit Mohan Prasad
श्री अमृत मोहन प्रसाद, 1989 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वे इससे पूर्व CRPF के विशेष महानिदेशक रह चुके हैं और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। राष्ट्र सेवा में समर्पित श्री प्रसाद को राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। उनके नेतृत्व में SSB आधुनिक, जनहितकारी और सीमांत सुरक्षा में अग्रणी बन रहा है।

श्री भृगु श्रीनिवासन
Brighu Srinivasan
भारतीय पुलिस सेवा (1992 बैच, बिहार कैडर) के वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के श्रेष्ठतम योद्धाओं से सुसज्जित NSG का नेतृत्व करते हुए वे आतंकवाद-रोधी अभियानों, VIP सुरक्षा और विशेष अभियानों में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा हेतु तत्पर NSG उनके नेतृत्व में अपने आदर्श वाक्य "सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा" को सार्थक कर रही है।

कैप्टन श्री बृजेश चौटा
Captain Brijesh Chowta
"सेना से संसद तक: अनुशासन, राष्ट्रसेवा और विकास के प्रतीक"
कैप्टन श्री चौटा, दक्षिण कन्नड़ से सांसद, भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी, IIM इंदौर से प्रबंधन प्रशिक्षित, और राष्ट्रवादी सोच के समर्पित जनप्रतिनिधि हैं। वे सैन्य अनुशासन और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अपने क्षेत्र में नवाचार और विकास का नेतृत्व कर रहे हैं।

कर्नल श्री हेम चंद्र सिंह
Colonel Hem Chandra Singh
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से हैं और वर्तमान में JIM&WS, पहलगाम के प्राचार्य हैं। वे NDA और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से शिक्षित हैं और 2004 में JAKLI रेजिमेंट से सेना में कमीशन्ड हुए। बाद में वे 1 पैरा एसएफ जैसे विशेष बल का हिस्सा बने। मणिपुर-नागालैंड में 38 असम राइफल्स का नेतृत्व कर कई पुरस्कार अर्जित किए। वे 30+ पर्वतारोहण अभियानों में भाग ले चुके हैं, जिनमें माउंट एवरेस्ट, नुन, कुन व किलिमंजारो शामिल हैं। स्कूबा डाइविंग, पैराशूटिंग व पर्वतारोहण में दक्ष कर्नल श्री सिंह राष्ट्रभक्ति व साहस के प्रतीक हैं।

कर्नल श्री रजनीश जोशी
Colonel Rajneesh Joshi
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के बुंगाछीना गाँव से ताल्लुक रखने वाले कर्नल श्री रजनीश जोशी एक वीर सैनिक, प्रख्यात पर्वतारोही, लेखक व फोटोग्राफर हैं। 2005 में 13 गढ़वाल राइफल्स से सेना में कमीशन प्राप्त कर उन्होंने LoC जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बटालियन की कमान संभाली। वर्तमान में वे हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (HMI), दार्जिलिंग के प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने माउंट एवरेस्ट, माउंट नन, कुन, आबि गामिन और किलिमंजारो सहित 30+ चोटियों पर सफल चढ़ाई की है और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। उनकी पुस्तक “Jatti Valley” और फोटोग्राफिक रचनाएँ उनके रचनात्मक व्यक्तित्व का प्रमाण हैं।

श्री दलजीत सिंह चौधरी
Daljit Singh Chawdhary
श्री दलजीत सिंह चौधरी (IPS) वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक हैं। वे 1990 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। अपने तीन दशक से अधिक के सेवा काल में उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, एसएसबी, एनएसजी और अब बीएसएफ जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कई राष्ट्रीय सम्मान जैसे पुलिस वीरता पदक, राष्ट्रपति पुलिस पदक, और डीजी कमेंडेशन डिस्क प्राप्त हुए हैं। वे आधुनिक सीमाई सुरक्षा और आतंकरोधी अभियानों में निर्णायक योगदान के लिए जाने जाते हैं।

जनरल श्री अनिल चौहान
General Anil Chauhan
जनरल श्री अनिल चौहान (PVSM, UYSM, AVSM, SM, VSM) भारतीय सशस्त्र बलों के वर्तमान और दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) हैं। 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे चौहान जी 1981 में 11 गोरखा राइफल्स से सेना में शामिल हुए। चार दशकों के शानदार सैन्य करियर में उन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सनराइज़ जैसे महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुनः सेवा में बुलाकर 30 सितम्बर 2022 को CDS नियुक्त किया गया। वे लेखक, रणनीतिकार और तिब्बती कला प्रेमी भी हैं।

जनरल श्री उपेन्द्र द्विवेदी
General Upendra Dwivedi
जनरल श्री उपेन्द्र द्विवेदी, पीवीएसएम, एवीएसएम, वर्तमान में भारतीय थलसेना के 30वें सेनाध्यक्ष हैं। 1 जुलाई 1964 को मध्य प्रदेश में जन्मे जनरल द्विवेदी ने सैनिक स्कूल रीवा, एनडीए और आईएमए से शिक्षा प्राप्त की। 1984 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त कर सेना में प्रवेश किया। उन्होंने उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर महत्वपूर्ण कमानें संभाली हैं। उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी, उपसेनाध्यक्ष और डीजी इन्फेंट्री जैसे अहम पदों पर रहते हुए उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, अत्याधुनिक तकनीकों और सैनिक कल्याण को बढ़ावा दिया। योगाभ्यास में पारंगत जनरल द्विवेदी को देश सेवा हेतु परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।

श्री ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह
Gyanendra Pratap Singh
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1991 बैच के वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने असम पुलिस के महानिदेशक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में IG और SPG जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए आतंकवाद, उग्रवाद, भ्रष्टाचार और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी अनेक चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और रणनीतिक सोच ने उन्हें भारत की आंतरिक सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बना दिया है।

मेजर श्री सोमनाथ शर्मा
Major Shri Somnath Sharma
भारत माता के पहले परमवीर
मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वे एक ऐसे वीर सैनिक थे, जिन्होंने केवल 24 वर्ष की आयु में अपने अद्वितीय साहस, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति से अमर शौर्य की गाथा लिखी।
उनकी शहादत 1947 के भारत-पाक युद्ध के समय श्रीनगर हवाई अड्डे की रक्षा करते हुए हुई, और यह लड़ाई भारत की एकता और अखंडता के लिए निर्णायक सिद्ध हुई।

श्री परमेश शिवमणि
Paramesh Sivamani
महानिदेशक श्री परमेश शिवमणि, AVSM, PTM, TM वर्ष 1967 में जन्मे एक वरिष्ठ फ्लैग ऑफिसर हैं, जो वर्तमान में भारतीय तटरक्षक बल के 26वें महानिदेशक के रूप में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने पूर्व में अतिरिक्त महानिदेशक सहित पूर्वी और पश्चिमी तटरक्षक क्षेत्रों तथा ईस्टर्न सीबोर्ड के कमांडर के रूप में नेतृत्व किया है। कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और मद्रास विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे शिवमणि ने समुद्री विज्ञान, रक्षा रणनीति और संघर्ष अध्ययन में विशेषज्ञता प्राप्त की है। उनका करियर रणनीतिक सोच, समुद्री सुरक्षा और राष्ट्र सेवा में उत्कृष्ट योगदान का प्रतीक है।

श्री राहुल रसगोत्रा
Rahul Rasgotra
श्री राहुल रसगोत्रा भारतीय पुलिस सेवा (1989 बैच, मणिपुर काडर) के वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो वर्तमान में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में शिक्षा प्राप्त की है और राष्ट्रीय सुरक्षा, खुफिया तंत्र तथा आतंकरोधी समन्वय में तीन दशकों से अधिक का गहन अनुभव रखते हैं। जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, इस्लामाबाद और वाशिंगटन जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले श्री रसगोत्रा को राष्ट्रपति पुलिस पदक सहित कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं। ITBP प्रमुख के रूप में वे हिमालयी सीमाओं की सुरक्षा को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।

श्री राजविंदर सिंह भट्टी
Rajwinder Singh Bhatti
1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक पद पर कार्यरत हैं। वे बिहार पुलिस के पूर्व डीजी भी रहे हैं और अपने तेजतर्रार प्रशासनिक कौशल व औद्योगिक सुरक्षा में दूरदृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं।

रानी श्री लक्ष्मीबाई
Rani Lakshmibai
भारत की वीरांगना रानी:
महारानी श्री लक्ष्मीबाई (1828–1858), जिनका जन्म मणिकर्णिका ताम्बे के रूप में हुआ था, भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की अग्रणी और सबसे साहसी वीरांगना थीं। उन्होंने बाल्यकाल से ही तलवारबाज़ी, घुड़सवारी और युद्ध-कौशल में दक्षता प्राप्त की। झाँसी की रानी बनने के बाद, उन्होंने अंग्रेज़ों की हड़प नीति का कड़ा विरोध किया और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए वीरता से युद्ध किया।
अपने पुत्र को पीठ पर बाँधकर युद्धभूमि में उतरने वाली यह वीरांगना आज भी शौर्य, देशभक्ति और नारी शक्ति की प्रतीक हैं। मात्र 29 वर्ष की आयु में उन्होंने रणभूमि में वीरगति पाई।
"ख़ूब लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसी वाली रानी थी!"

श्री सैम मानेकशॉ
Shri Sam Manekshaw
(फील्ड मार्शल सैम होर्मुसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ) भारतीय सेना के सबसे महान और सम्मानित सेनानायकों में से एक थे। वे पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की सर्वोच्च सैन्य उपाधि से नवाज़ा गया। गोरखा सैनिकों द्वारा उन्हें "सैम बहादुर" के नाम से सम्मानित किया गया, जो उनके अद्वितीय साहस, नेतृत्व और सरल व्यक्तित्व का प्रतीक बना। चार दशकों की सैन्य सेवा और पाँच युद्धों में भागीदारी के साथ, उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई। सैम बहादुर भारतीय सैन्य इतिहास के स्वर्णिम अध्याय हैं – एक सच्चे योद्धा, राष्ट्रभक्त और प्रेरणास्त्रोत।

लेफ्टिनेंट जनरल श्री विकास लखेड़ा
Vikas Lakhera
लेफ्टिनेंट जनरल श्री विकास लखेड़ा, एवीएसएम, एसएम, वर्तमान में भारत की सबसे पुरानी अर्धसैनिक बल असम राइफल्स के महानिदेशक हैं। 1990 में सेना में शामिल हुए लखेड़ा जी ने पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में कई महत्वपूर्ण कमांड संभाली हैं। उत्कृष्ट अकादमिक, रणनीतिक दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता के साथ उन्होंने सूचना युद्ध जैसे आधुनिक विषयों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें अनेक सैन्य सम्मान प्राप्त हैं और वे पूर्वोत्तर भारत में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
