
Sam Manekshaw
श्री सैम बहादुर (फील्ड मार्शल सैम होर्मुसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ) भारतीय सेना के सबसे महान और सम्मानित सेनानायकों में से एक थे। वे पहले भारतीय सैन्य अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की सर्वोच्च सैन्य उपाधि से नवाज़ा गया। गोरखा सैनिकों द्वारा उन्हें "सैम बहादुर" के नाम से सम्मानित किया गया, जो उनके अद्वितीय साहस, नेतृत्व और सरल व्यक्तित्व का प्रतीक बना। चार दशकों की सैन्य सेवा और पाँच युद्धों में भागीदारी के साथ, उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर बांग्लादेश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई। सैम बहादुर भारतीय सैन्य इतिहास के स्वर्णिम अध्याय हैं – एक सच्चे योद्धा, राष्ट्रभक्त और प्रेरणास्त्रोत।

Colonel Shri Hem Chandra Singh
कर्नल श्री हेम चंद्र सिंह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से हैं और वर्तमान में JIM&WS, पहलगाम के प्राचार्य हैं। वे NDA और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से शिक्षित हैं और 2004 में JAKLI रेजिमेंट से सेना में कमीशन्ड हुए। बाद में वे 1 पैरा एसएफ जैसे विशेष बल का हिस्सा बने। मणिपुर-नागालैंड में 38 असम राइफल्स का नेतृत्व कर कई पुरस्कार अर्जित किए। वे 30+ पर्वतारोहण अभियानों में भाग ले चुके हैं, जिनमें माउंट एवरेस्ट, नुन, कुन व किलिमंजारो शामिल हैं। स्कूबा डाइविंग, पैराशूटिंग व पर्वतारोहण में दक्ष कर्नल श्री सिंह राष्ट्रभक्ति व साहस के प्रतीक हैं।

Major Shri Somnath Sharma
भारत माता के पहले परमवीर
मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वे एक ऐसे वीर सैनिक थे, जिन्होंने केवल 24 वर्ष की आयु में अपने अद्वितीय साहस, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति से अमर शौर्य की गाथा लिखी।
उनकी शहादत 1947 के भारत-पाक युद्ध के समय श्रीनगर हवाई अड्डे की रक्षा करते हुए हुई, और यह लड़ाई भारत की एकता और अखंडता के लिए निर्णायक सिद्ध हुई।