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राधे! राधय नन्दकुमारम् | Radhe Radhaya nandakumaram

राधे! राधय नन्दकुमारम् 
        राधे! राधय नन्दकुमारम् ॥

व्रजवनिताजनमानसभावं भावय तं जितमारम् ।
        राधे! राधय नन्दकुमारम् ॥

यद्विधुवदनविलोकनमेकं मनुते जीवनसारम् ।
यन्मुरलीरवश्रवणमेकलं कुरुते श्रुतिसंचारम् ।
        राधे! राधय नन्दकुमारम् ॥

विरहानलचिन्तानिलसंगतिरिह तनुते तनुतापम् ।
निरवधिराधिरसीमितमर्दनमादधाति संतापम् ।
        राधे! राधय नन्दकुमारम् ॥

यमुनाकूलनिकुञ्जमञ्जुमधुसमये कृतबहुसमयम् ।
संस्मारय निर्मोहं मोहनमचिरं मानसहारम् ।
        राधे! राधय नन्दकुमारम् ॥

            -- आचार्य डा. जयमन्त मिश्र

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