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रामायणम् (समर्थ रामदासविरचितम्) | Ramayanam by Samartha Ramadas Swami
श्रीमद्रामायणं समर्थरामदासविरचितम्
श्रीमद्भागवतम् (११.५.३८) में उल्लेख है कि—
"कृतादिषु प्रजा राजन् कलाविच्छन्ति संभवम्।कलौ खलु भविष्यन्ति नारायणपरायणाः ॥"
अर्थात्— हे राजन्! कृत और अन्य पूर्व युगों में जन्मे हुए लोग भी इस कलियुग में जन्म लेने की इच्छा करते हैं, क्योंकि कलियुग में नारायण के परायण, महान भक्तों का अवतरण होता…
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