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सङ्क्षिप्तश्रीयन्त्रपूजा (रुद्रयामलान्तर्गतम्) | Sankshipta Shri Yantra puja

सङ्क्षिप्त श्रीयन्त्रपूजा 
जो साधक विस्तार से पूजादि नहीं कर पाएं उनके लिए
आचार्यों ने अनेक प्रकार की लघु-पूजा विधियां भी बनाई हैं जिनमें
कलश और शङ्ख (सामान्यार्घ्य पात्र) स्थापन करके निम्नलिखित पद्धति
से अर्चन करना चाहिए --
आचम्य प्राणानायम्य देशकालौ च सङ्कीर्त्य । श्रीगुरुं
महागणपतिं भगवतीं महात्रिपुरसुन्दरीं च प्रणम्य पूजयेत् ।
ध्यानम्-
बालार्कारुण-तेजसं त्रिनयनां रक्ताम्बरोल्लासिनीं,
नानालङ्कृतिराजमानवपुषं बालोडुराड्-शेखराम् ।
हस्तैरिक्षुधनुः…
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