top of page

श्री अमिताभ बच्चन

The Legend of Indian Cinema 🇮🇳🎬
अमिताभ बच्चन, जिन्हें ‘सदी के महानायक’ (The Megastar of the Century) कहा जाता है, भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली अभिनेता हैं। उन्होंने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है और अपनी दमदार आवाज़, अभिनय कौशल और व्यक्तित्व से न केवल भारत, बल्कि विश्वभर में दर्शकों का दिल जीता है।

Amitabh Bachchan

प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) शहर में एक प्रतिष्ठित साहित्यिक परिवार में हुआ। उनके पिता, डॉ. हरिवंश राय बच्चन, हिंदी के महान कवि और "मधुशाला" के रचयिता थे, जबकि माता तेजी बच्चन रंगमंच और सामाजिक कार्यों से जुड़ी हुई थीं।

उनका नाम पहले इन्कलाब रखा गया था, जो उस समय चल रहे स्वतंत्रता संग्राम के "इन्कलाब जिंदाबाद" नारे से प्रेरित था, पर बाद में उनका नाम ‘अमिताभ’ रखा गया, जिसका अर्थ होता है – "जिसकी चमक कभी ना बुझे"।

शिक्षा और प्रारंभिक विचारधारा

अमिताभ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के शेरवुड कॉलेज से की, जहाँ वे पढ़ाई में तेज़ और अनुशासित छात्र माने जाते थे। उन्होंने कला वर्ग से पढ़ाई करते हुए किरोरीमल कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। यहीं पर उन्होंने थियेटर में भाग लेना शुरू किया और अभिनय में रुचि विकसित हुई।

फिल्मी करियर की शुरुआत:

1960 के दशक के अंत में अमिताभ मुंबई पहुँचे, जहाँ उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी के लिए आवेदन किया – जिसे उनकी भारी आवाज़ के कारण खारिज कर दिया गया। उन्होंने कई फ़िल्मी निर्माताओं से संपर्क किया, परंतु उनकी लंबाई और व्यक्तित्व को उस समय की ‘हीरो’ की पारंपरिक छवि से अलग माना गया।

1969 में उन्हें पहली बार सात हिंदुस्तानी नामक फिल्म में ब्रेक मिला, जिसमें वे एक स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका में दिखे। फिल्म भले ही ज्यादा नहीं चली, लेकिन अमिताभ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता का पुरस्कार मिला।

सुपरस्टार की चढ़ाई: 'एंग्री यंग मैन' का उदय

असली सफलता 1973 में आई जब उन्होंने प्रकाश मेहरा की फिल्म ज़ंजीर में 'विजय' का किरदार निभाया। इस भूमिका ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया और उनकी "एंग्री यंग मैन" की छवि बन गई।

इस दौर की कुछ प्रमुख फिल्में:

  • Zanjeer (1973)

  • Abhimaan (1973)

  • Deewar (1975)

  • Sholay (1975)

  • Kabhi Kabhie (1976)

  • Amar Akbar Anthony (1977)

  • Muqaddar Ka Sikandar (1978)

  • Don (1978)

  • Trishul (1978)

  • Kaala Patthar (1979)

  • Silsila (1981)

दुर्घटना और पुनर्जन्म: कुली हादसा (1982)

1982 में फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान एक एक्शन सीन में उनके पेट में गंभीर चोट लगी। डॉक्टरों ने उन्हें ‘क्लिनिकल डेड’ घोषित कर दिया था, लेकिन देशभर की दुआओं, पूजा-पाठ और परिवार की आशा ने उन्हें फिर से जीवन दिया।

यह घटना उनके जीवन में एक दिव्य मोड़ बन गई। इसके बाद अमिताभ ने समाज सेवा, राजनीति और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव महसूस किया।

राजनीति में प्रवेश

1984 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से राजनीति में प्रवेश किया और इलाहाबाद से सांसद चुने गए। लेकिन राजनीति उनके स्वभाव के अनुरूप नहीं रही और उन्होंने तीन साल बाद राजनीति छोड़ दी। इस काल में उनके परिवार पर बोफोर्स विवाद की आंच भी आई, जिससे वे बहुत आहत हुए।

करियर का पतन और आर्थिक संकट

1990 के दशक की शुरुआत में उनके करियर में गिरावट आई। कई फिल्में असफल रहीं और उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस ABCL (Amitabh Bachchan Corporation Limited) शुरू किया, जो असफल रहा और उन्हें गहरे कर्ज में डाल दिया।

इस दौर में उन्होंने कहा:

“मैं सड़क पर था, घर गिरवी था, कोई रास्ता नहीं दिख रहा था… पर मैंने हार नहीं मानी।”
टेलीविजन से पुनरुत्थान: कौन बनेगा करोड़पति (KBC)

2000 में उन्होंने टेलीविजन पर कदम रखा और कौन बनेगा करोड़पति (KBC) को होस्ट किया। यह शो न केवल हिट हुआ, बल्कि अमिताभ बच्चन को एक नई पहचान और करियर का पुनर्जन्म मिला।

उनकी आवाज़, शैली, और गरिमा ने इस शो को एक सांस्कृतिक प्रतीक बना दिया।

नई सदी के सदीके नायक: विविध भूमिकाएँ

21वीं सदी में अमिताभ ने उम्र के अनुसार किरदार निभाने शुरू किए, जो न केवल चुनौतीपूर्ण थे, बल्कि समाज से जुड़े हुए भी थे।

इस दौर की प्रशंसित फिल्में:
  • Mohabbatein (2000)

  • Baghban (2003)

  • Black (2005)

  • Sarkar Series (2005, 2008)

  • Paa (2009)

  • Piku (2015)

  • Pink (2016)

  • Badla (2019)

  • Uunchai (2022)

पुरस्कार और सम्मान

पुरस्कार

वर्ष

विवरण

पद्म श्री

1984

भारत सरकार द्वारा

पद्म भूषण

2001

भारत सरकार द्वारा

पद्म विभूषण

2015

भारत सरकार द्वारा

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

2019

भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

5 बार

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में

फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड्स

15+ बार

अभिनय व अन्य श्रेणियों में

पारिवारिक जीवन
  • पत्नी: जया भादुरी बच्चन – अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ

  • बेटा: अभिषेक बच्चन – अभिनेता

  • बहू: ऐश्वर्या राय बच्चन – अभिनेत्री व मिस वर्ल्ड

  • पोती: आराध्या बच्चन

समाज सेवा और जन सरोकार
  • पोलियो उन्मूलन अभियान

  • बालिका शिक्षा

  • कैंसर व लिवर रोग जागरूकता

  • जल संरक्षण

  • स्वच्छ भारत अभियान

  • कोविड-19 राहत कार्यों में योगदान

डिजिटल युग में प्रभाव

अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक और अपने ब्लॉग के माध्यम से वे रोज़ाना दुनिया से संवाद करते हैं। उनकी पोस्ट्स में आत्मचिंतन, कविता, जीवन-दर्शन और समय पर टिप्पणियाँ होती हैं।

साहित्यिक योगदान
  • उन्होंने कई कविताएं, लेख और संस्मरण भी लिखे हैं।

  • पिता हरिवंश राय बच्चन की कविताओं का वे पाठ करते हैं और उन्हें जनमानस तक पहुँचाते हैं।

🕉️ आध्यात्मिक दृष्टिकोण
  • वे भगवद गीता, हनुमान चालीसा और वेदों का अध्ययन करते हैं।

  • उन्होंने श्रीरामचरितमानस की व्याख्या भी की है।

  • उनका जीवन अनुशासन, सेवा और आत्मचिंतन पर आधारित है।

"एक जीवन, एक युग"

अमिताभ बच्चन का जीवन एक संघर्षशील अभिनेता से लेकर राष्ट्रीय प्रतीक बनने की यात्रा है।उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कैसे:

  • कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए

  • जीवन में पुनः आरंभ करना संभव है

  • सफलता से अधिक महत्वपूर्ण है – गरिमा और करुणा

विशेष श्लोक अमिताभ के जीवन पर:

"न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्।"(भगवद गीता 3.5)अर्थात् – “कोई भी व्यक्ति एक क्षण के लिए भी कर्म किए बिना नहीं रह सकता।”


bottom of page