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श्री अमृत मोहन प्रसाद

श्री अमृत मोहन प्रसाद, 1989 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वे इससे पूर्व CRPF के विशेष महानिदेशक रह चुके हैं और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। राष्ट्र सेवा में समर्पित श्री प्रसाद को राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। उनके नेतृत्व में SSB आधुनिक, जनहितकारी और सीमांत सुरक्षा में अग्रणी बन रहा है।

Amrit Mohan Prasad

श्री अमृत मोहन प्रसाद, आईपीएस

महानिदेशक, सशस्त्र सीमा बल (SSB)

(1989 बैच, ओडिशा कैडर – अनुशासन, सेवा और नेतृत्व का नाम)

श्री अमृत मोहन प्रसाद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1989 बैच के प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिनका मूल कैडर ओडिशा है। इनका जन्म 22 अगस्त 1965 को ओडिशा राज्य में हुआ। प्रारंभ से ही उत्कृष्ट शैक्षणिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक समझ रखने वाले श्री प्रसाद ने देश की आंतरिक सुरक्षा, सीमांत क्षेत्रों के प्रबंधन, अर्धसैनिक बलों के आधुनिकीकरण और जवानों के कल्याण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


श्री प्रसाद ने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में ही राष्ट्रसेवा को अपना ध्येय बना लिया था। उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ और उन्होंने कठोर प्रशिक्षण के बाद विभिन्न ज़िम्मेदारियों को सफलता से निभाया। अपने सेवाकाल के दौरान वे नीति-निर्माण, फील्ड ऑपरेशंस, और प्रशासनिक प्रबंधन – तीनों स्तरों पर समान रूप से प्रभावी रहे हैं।

सेवा यात्रा और प्रमुख पद

तीन दशकों से अधिक लंबे सेवा काल में श्री प्रसाद ने भारत सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में प्रशासनिक और सुरक्षा से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में विशेष महानिदेशक (Special DG) के रूप में कार्यरत रहे, जहाँ उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों, नक्सल विरोधी रणनीति, और बल के सुदृढ़ीकरण में सक्रिय योगदान दिया।

उनके नेतृत्व की कुशलता और अनुभव को देखते हुए उन्हें 15 सितंबर 2024 को सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक पद पर नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति भारत सरकार की मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा की गई, और उन्होंने इस पद पर श्री दलजीत सिंह चौधरी का स्थान लिया।

SSB – नई दिशा में नेतृत्व

सशस्त्र सीमा बल भारत-नेपाल और भारत-भूटान की खुली सीमाओं की रक्षा के लिए कार्यरत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। लगभग 94,000 से अधिक जवानों की इस फोर्स की कमान संभालना अपने आप में एक गौरवपूर्ण दायित्व है। DG के रूप में श्री प्रसाद का ध्यान SSB की रणनीतिक दक्षता, बुनियादी सुविधाओं के आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण प्रणाली में सुधार, और जवानों के मनोबल को ऊँचा बनाए रखने पर केंद्रित रहा है।

उनकी कार्यशैली जनसंवाद पर आधारित है – वे बल के जवानों, अधिकारियों और उनके परिवारों से नियमित संवाद कर उनकी समस्याएं सुनते हैं, और समाधान को तत्परता से लागू करते हैं।

BCAS के DG का अतिरिक्त कार्यभार

1 नवम्बर 2024 को श्री प्रसाद को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया। यह दायित्व उन्हें तब मिला जब उस पद पर कार्यरत DG ज़ुल्फिकार हसन सेवानिवृत्त हुए। श्री प्रसाद ने यह अतिरिक्त ज़िम्मेदारी 6 महीनों तक निभाई। विमानन सुरक्षा जैसे अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में उनका संयमित और नीतिनिष्ठ दृष्टिकोण प्रशंसनीय रहा।

सम्मान और पुरस्कार

देश की सुरक्षा व्यवस्था में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए श्री अमृत मोहन प्रसाद को निम्नलिखित राष्ट्रीय पदकों से सम्मानित किया गया:

  • राष्ट्रपति पुलिस पदक (President’s Police Medal) – विशिष्ट सेवा के लिए

  • पुलिस पदक (Police Medal) – सराहनीय सेवा के लिए

इन सम्मानों से यह प्रमाणित होता है कि उन्होंने अपने कर्तव्यों को निष्ठा, समर्पण और अद्वितीय कुशलता के साथ निभाया है।

सैनिकों के साथ संवाद और कल्याण कार्य

अप्रैल 2025 में श्री प्रसाद ने सिक्किम के ग्यालशिंग स्थित 36वीं बटालियन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने:

  • अधिकारियों और जवानों से व्यक्तिगत संवाद किया,

  • सैनिक सम्मेलन (Sainik Sammelan) की अध्यक्षता की,

  • "एंटी-ओबेसिटी ड्राइव" जैसी स्वास्थ्य-कल्याण पहल की शुरुआत की,

  • और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में SSB की तैनाती और समस्याओं की समीक्षा कर समाधान सुझाया।

उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि वे केवल नेतृत्वकर्ता ही नहीं, बल्कि सैनिकों के सच्चे संरक्षक भी हैं।

अपने कार्यकाल में श्री प्रसाद SSB को एक तकनीकी रूप से सशक्त, आधुनिक सोच वाला, और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा बल बनाना चाहते हैं। उनका उद्देश्य यह है कि SSB केवल एक सीमा रक्षक बल न रहकर, आमजन और सीमावर्ती समाज के विकास में भी सहभागी बने।

श्री अमृत मोहन प्रसाद एक ऐसे अधिकारी हैं, जिनकी कार्यशैली में कठोर अनुशासन और मानवीय संवेदनशीलता का अद्वितीय संगम दिखाई देता है। उन्होंने नेतृत्व को केवल निर्देश देने का माध्यम नहीं, बल्कि संवाद, सहयोग और प्रेरणा का स्रोत बनाया है। देश की सीमाओं की रक्षा में लगे SSB के जवानों के लिए वे एक मार्गदर्शक दीपस्तंभ हैं। आने वाले वर्षों में भी उनकी सोच, कार्यशैली और निर्णय भारत की आंतरिक एवं सीमांत सुरक्षा को नई दिशा देंगे।

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