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जनरल श्री अनिल चौहान

जनरल श्री अनिल चौहान (PVSM, UYSM, AVSM, SM, VSM) भारतीय सशस्त्र बलों के वर्तमान और दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) हैं। 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे चौहान जी 1981 में 11 गोरखा राइफल्स से सेना में शामिल हुए। चार दशकों के शानदार सैन्य करियर में उन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सनराइज़ जैसे महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुनः सेवा में बुलाकर 30 सितम्बर 2022 को CDS नियुक्त किया गया। वे लेखक, रणनीतिकार और तिब्बती कला प्रेमी भी हैं।

General Anil Chauhan

जनरल अनिल चौहान: भारत के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), "राष्ट्र सर्वोपरि" के भाव में रचे-बसे एक समर्पित सैन्य नायक:

जनरल अनिल चौहान, PVSM, UYSM, AVSM, SM, VSM, भारतीय सेना के एक प्रतिष्ठित चार-सितारा जनरल हैं, जो वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में कार्यरत हैं। 30 सितम्बर 2022 को उन्हें सेवानिवृत्ति से वापस बुलाया गया और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा CDS के रूप में नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति के साथ वे सेवानिवृत्त होने के बाद CDS पद पर नियुक्त होने वाले पहले अधिकारी बने।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक गरवाली राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित केंद्रीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और 58वें कोर्स के तहत नेशनल डिफेंस एकेडमी, खडकवासला में दाखिला लिया। इसके बाद वह 68वें कोर्स के तहत भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से जुड़े। वे डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, हायर कमांड और नेशनल डिफेंस कॉलेज के स्नातक भी हैं।

सैन्य करियर की शुरुआत

13 जून 1981 को 11 गोरखा राइफल्स की छठी बटालियन (6/11 GR) में उन्हें द्वितीय लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन मिला। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की एलओसी पर बटालियन का नेतृत्व किया, मणिपुर में माउंटेन ब्रिगेड, कश्मीर घाटी में डिवीजन और पूर्वोत्तर भारत में एक कोर का सफलतापूर्वक संचालन किया।

प्रमुख सैन्य योगदान

जनरल चौहान ने वर्ष 2017 में लेफ्टिनेंट जनरल पद पर पदोन्नति प्राप्त की और दीमापुर स्थित III कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग बने। जनवरी 2018 में उन्हें डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) नियुक्त किया गया, जहाँ उनके नेतृत्व में 2019 का बालाकोट एयरस्ट्राइक और भारत-म्यांमार संयुक्त ऑपरेशन 'सनराइज़' को अंजाम दिया गया।

1 सितम्बर 2019 को उन्होंने पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पद संभाला और 31 मई 2021 को सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सैन्य सलाहकार के रूप में सेवाएं दीं।

CDS के रूप में पुनर्नियुक्ति

जनरल बिपिन रावत की असामयिक मृत्यु के बाद यह पद रिक्त हो गया था। जून 2022 में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 62 वर्ष से कम आयु के तीन सितारा सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी CDS के पद के लिए योग्य घोषित किए गए। इसी के तहत 28 सितम्बर 2022 को जनरल चौहान को CDS नियुक्त किया गया और 30 सितम्बर को उन्होंने पदभार ग्रहण किया।

राष्ट्रीय सुरक्षा संवाद और रणनीतिक दृष्टिकोण

31 मई 2025 को सिंगापुर में ‘शांग्री-ला डायलॉग’ के दौरान जनरल चौहान ने पाकिस्तान के दावों को सिरे से नकारते हुए स्पष्ट किया कि भारत ने रणनीतिक त्रुटियों की पहचान करके केवल 48 घंटों में एयरस्ट्राइक फिर से प्रारंभ कर दी — यह दर्शाता है कि उन्होंने केवल युद्ध नहीं लड़ा, बल्कि सैन्य रणनीति में सुधार और आत्ममंथन को भी प्राथमिकता दी।

व्यक्तिगत जीवन

जनरल चौहान की पत्नी अनुपमा एक कलाकार हैं, और उनकी एक बेटी प्रज्ञा है। वे तिब्बती कला के प्रशंसक हैं और मुखौटे एकत्रित करना उनका शौक है। जनरल रावत की तरह ही उनका संबंध 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट से रहा है, और दोनों उत्तराखंड की समान भौगोलिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं।

लेखन और अध्ययनशीलता

जनरल चौहान ने दो पुस्तकें लिखी हैं — Aftermath of a Nuclear Attack और History of 11 Gorkha Rifles Regimental Centre। उन्होंने 2012 में मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एम.फिल भी किया और वर्तमान में भारतीय उत्तरी सीमा की सैन्य भूगोल पर एक पुस्तक पर कार्य कर रहे हैं।

सम्मान और अलंकरण

अपने चार दशकों के सैन्य जीवन में उन्हें अनेक सैन्य सम्मानों से नवाजा गया है:

  • विशिष्ट सेवा पदक (VSM) – 2011

  • सेना मेडल (SM) – 2014

  • अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) – 2015

  • उत्तम युद्ध सेवा मेडल (UYSM) – 2018

  • परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) – 2020


जनरल अनिल चौहान भारतीय सशस्त्र बलों के लिए न केवल एक दक्ष रणनीतिकार हैं, बल्कि एक प्रबुद्ध चिंतक, लेखक और नीतिनिर्माता भी हैं। उनकी जीवनी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो मातृभूमि के प्रति समर्पित होकर राष्ट्र सेवा के पथ पर अग्रसर होना चाहते हैं। राष्ट्ररक्षा में उनकी भूमिका इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अमिट रहेगी।

Chief of Defence Staff - General Anil Chauhan: एक अद्वितीय योद्धा, लेखक और राष्ट्रीय प्रहरी।

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