
श्री नरेंद्र मोदी
भारतवर्ष के वर्तमान प्रधानमंत्री, न केवल एक कुशल प्रशासक हैं, बल्कि एक ऐसे वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं जो 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना को अपने हर कदम में आत्मसात किए हुए हैं। एक साधारण परिवार से निकलकर, उन्होंने असाधारण नेतृत्व का परिचय दिया है।
21वीं सदी में जब भारत आत्मनिर्भरता, तकनीक, संस्कृति और वैश्विक कूटनीति के नए युग में प्रवेश कर रहा है, तब मोदी जी उस परिवर्तनशील हिन्दुस्थान के प्रमुख सूत्रधार हैं। उनकी दूरदृष्टि, नीतिगत निर्णय, राष्ट्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाली योजनाएं और भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने की प्रतिबद्धता उन्हें एक युगद्रष्टा नेता बनाती है।
वे केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि भारत की आत्मा से निकला हुआ वह स्वप्न हैं, जो आज विश्व जनसमुदाय की आशा बन चुका है।
Narendra Modi
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी(भारतीय जनता पार्टी , लोकसभा सदस्य- वाराणसी, उत्तर प्रदेश) |
श्रेणी | विवरण |
पूरा नाम | श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी |
जन्म स्थान | वडनगर, मेहसाणा जिला, गुजरात (तत्कालीन बॉम्बे राज्य) |
जन्म तिथि | 17 सितम्बर 1950 |
पिता का नाम | स्व. दामोदरदास मूलचंद मोदी |
माता का नाम | श्रीमती हीराबा (स्वर्गवास - 2022) |
ईमेल आईडी | |
मोबाइल | +918975462014 |
टेलीफोन नंबर | निवास- 011 23018939, कार्यालय-23012312, 23017660 फैक्स: 011-23010233, 23016857 |
सोशल मीडिया |
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व्यवसाय/पेशा | राजनीति, लेखक, समाजसेवा |
शैक्षणिक योग्यता |
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स्थायी पता | सी-1 सोमेश्वर टेनमेंट, रानीप, अहमदाबाद, गुजरात -382480 |
वर्तमान पता | 7 लोक कल्याण मार्ग, नई दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली - 110011 |
राजनीतिक दल | |
सांस द निर्वाचन क्षेत्र | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
सरकारी और राजनीतिक पद |
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एक युगद्रष्टा राष्ट्रनायक की गाथा
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के एक छोटे-से नगर वडनगर (मेहसाणा ज़िला) में हुआ। उनका परिवार अत्यंत सामान्य सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंधित था। पिता श्री दामोदरदास मूलचंद मोदी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे और माँ श्रीमती हीराबेन एक धार्मिक, परिश्रमी और त्यागमयी महिला थीं। नरेंद्र मोदी ने बचपन से ही परिवार की आर्थिक सहायता के लिए अपने पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचना प्रारंभ किया। यह कार्य एक बच्चे के रूप में उनके मन में गहराई से आत्मनिर्भरता, संघर्ष और परिश्रम के मूल्य को बिठाने वाला था।
छोटे नरेंद्र की रुचि बचपन से ही राष्ट्र, समाज और आध्यात्मिक चिंतन में रही। वे नाटकों, भाषणों और विचार मंचों मे ं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। उनकी शिक्षा गुजरात विश्वविद्यालय और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की उपाधि के साथ पूर्ण हुई। शिक्षा के दौरान वे निरंतर स्व-अनुशासन, अध्ययन और विचारशीलता में रत रहे।
संघ संस्कार और राष्ट्रसेवा की नींव
नरेंद्र मोदी ने बहुत कम आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाओं में भाग लेना आरंभ किया। उन्होंने स्वयंसेवक के रूप में संघ की कठोर दिनचर्या, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति के मूल्यों को आत्मसात किया। संघ के प्रशिक्षण ने उनके जीवन में एक सुदृढ़ विचारधारा का विकास किया – जिसमें भारत की संस्कृति, सभ्यता, गौरवशाली इतिहास और समरस समाज की परिकल्पना प्रमुख रही। उन्होंने "सेवा ही संगठन है" के मंत्र को जीवन में उतारा।
संघ में उन्होंने छोटे-छोटे कार्यों से लेकर संगठनात्मक रणनीतियों तक में योगदान दिया। इसी दौरान वे राजनीति और जनसंपर्क के उन तरीकों से अवगत हुए जो बाद में उन्हें एक महान जननेता बनाने वाले थे।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विकास पुरुष की पहचान (2001–2014)
वर्ष 2001 में जब गुजरात विनाशकारी भूकंप की त्रासदी से जूझ रहा था, तभी नरेंद्र मोदी को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक थी क्योंकि वे तब तक जनप्रतिनिधि नहीं थे। लेकिन उनकी प्रशासनिक दूरदृष्टि और तेज निर्णयशक्ति ने गुजरात के पुनर्निर्माण को एक नया आयाम दिया।
उन्होंने ‘वाइब्रेंट गुजरात’
