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श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर
वह दीपक जो आत्मा और राष्ट्र दोनों को प्रकाशित करता है... "एक नाम, एक युग, एक चेतना"
भारतीय साहित्य, कला और आत्मबोध के इतिहास में यदि कोई नाम स्वतंत्रता से पहले ही ‘स्वतंत्र’ हो गया था, तो वह है – रवीन्द्रनाथ टैगोर। वे न केवल कवि थे, बल्कि भारत की आत्मा के सबसे गहरे संवाददाता थे – एक दार्शनिक, संगीतज्ञ, चित्रकार, नाटककार, उपन्यासकार, शिक्षाशास्त्री और राष्ट्रनिर्माता भी। उनका जीवन कोई साधारण जीवन नहीं था; यह एक आंदोलन था – आत्मा की स्वतंत्रता का, विचारों की उड़ान का, और भारत की सांस्कृतिक पुनर्जागरण का।
Ravindra Nath Tagore
जीवन परिचय: एक तपस्वी कवि का जन्म
जन्म: 7 मई 1861, ठाकुरबाड़ी (जोरासांको हवेली), कोलकाता
