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Yogi Adityanath

श्री योगी आदित्यनाथ (जन्म: 5 जून 1972) भारतीय राजनीतिज्ञ, धार्मिक संत एवं उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और गोरखनाथ मठ के पीठाधीश्वर हैं। संन्यास जीवन से राजनीति तक की उनकी यात्रा समर्पण, अनुशासन और राष्ट्रसेवा का आदर्श उदाहरण है। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, धार्मिक पर्यटन, औद्योगिक निवेश और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। राम मंदिर निर्माण, अयोध्या विकास और कोविड प्रबंधन जैसे मामलों में उनकी कार्यशैली को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त हुई है।
'''योगी आदित्यनाथ: धर्म, प्रशासन और राष्ट्र के समर्पित संत'''

जब भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक संन्यासी मुख्यमंत्री की कल्पना की जाती है, तो वह स्वरूप योगी आदित्यनाथ जी में मूर्त होता है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल, जटिल और विविधताओं से भरे राज्य का नेतृत्व करना किसी भी राजनेता के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन जब नेतृत्व भगवा वस्त्रधारी एक योगी के हाथों में हो, तो प्रशासन एक साधना बन जाता है, और सत्ता सेवा का माध्यम।

योगी आदित्यनाथ का जीवन एक तीर्थ की तरह है—जहाँ भक्ति है, शक्ति है, संकल्प है और समर्पण भी। उनके भीतर तपस्वी की तितिक्षा, योद्धा की दृढ़ता और प्रशासक की सूझबूझ का अद्वितीय समन्वय देखने को मिलता है।

धर्म और राजनीति का संतुलन

योगी आदित्यनाथ भारत की उस दुर्लभ परंपरा से आते हैं जहाँ संन्यास और राजनीति एक-दूसरे के विरोध नहीं, बल्कि सहचर हो सकते हैं। रामराज्य की कल्पना करने वाले नेताओं के लिए योगी जी एक जीवंत उदाहरण हैं। वे मंदिर निर्माण से लेकर धर्मशालाओं, गौशालाओं और संत समाज के उत्थान तक सभी योजनाओं को सरकारी प्राथमिकताओं में स्थान देते हैं, परंतु यह सब संविधान के दायरे में रहकर करते हैं। उनका अयोध्या, काशी, मथुरा के विकास को केवल धार्मिक नहीं, सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अभियान मानना, उनकी दूरदृष्टि को दर्शाता है।

कानून व्यवस्था का योगी मॉडल

उत्तर प्रदेश, जिसे पहले अपराध, गुंडाराज और भ्रष्टाचार के लिए बदनाम किया जाता था, आज देश के सबसे बेहतर कानून व्यवस्था वाले राज्यों की सूची में है। योगी सरकार द्वारा अपराधियों पर की गई सख्त कार्रवाई, माफिया राज पर नियंत्रण, और पुलिस तंत्र का आधुनिकीकरण—इन सबने आम जनमानस में सुरक्षा की भावना पैदा की है। एनकाउंटर नीति, गैंगस्टर एक्ट और संपत्ति जब्ती जैसे निर्णयों ने संदेश दिया कि राज्य अब अपराधियों के लिए सुरक्षित आश्रय नहीं है।

महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार

मिशन शक्ति, पिंक बूथ, महिला हेल्पलाइन, एंटी रोमियो स्क्वॉड—ये सभी प्रयास न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान करते हैं। बेटियों को स्कूल भेजने से लेकर उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षित करने तक योगी सरकार ने व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है।

औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन

योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने 'बीमारू राज्य' की छवि से बाहर निकल कर एक निवेश-हितैषी राज्य का रूप लिया है। इन्वेस्टर्स समिट, डिफेंस कॉरिडोर, मेडिकल डिवाइसेज़ पार्क, मैन्युफैक्चरिंग हब और रोजगार मेले ने राज्य को नई दिशा दी है। आज एमएसएमई और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में यूपी देश का अग्रणी राज्य बनता जा रहा है।

राम मंदिर और अयोध्या का गौरव

योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध सर्वविदित है। राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन हो या दीपोत्सव समारोह, हर आयोजन में उन्होंने भारतीय संस्कृति की दिव्यता और गरिमा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित किया। अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, श्रीराम पथ, जनसंख्या नियंत्रण और भूमि सुधार जैसे प्रयासों से स्पष्ट है कि उनका लक्ष्य केवल मंदिर निर्माण नहीं बल्कि संपूर्ण सांस्कृतिक पुनरुत्थान है।

आलोचनाएँ और उत्तर

राजनीति में सक्रिय किसी भी बड़े नेता की तरह योगी जी पर भी अनेक आलोचनाएँ हुई हैं—धर्म आधारित राजनीति, भाषणों की तीव्रता, CAA विरोध, या प्रशासनिक कठोरता। लेकिन उनके हर निर्णय के पीछे तर्क, नियत और नीति स्पष्ट रही है। उन्होंने कभी भी आलोचना से भागने की बजाय कार्यों से उत्तर देना उचित समझा। यूपी में कोविड प्रबंधन, पलायन रुकवाना, गरीबों को राशन वितरण जैसे अनेक कार्यों की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सराहना इसका प्रमाण हैं।

अंतरराष्ट्रीय पहचान

''Hindi.Wiki'', ''BBC'', ''The New York Times'', ''Reuters'', और ''Al Jazeera'' जैसे वैश्विक मीडिया संस्थानों ने उत्तर प्रदेश के बदलाव और योगी मॉडल की चर्चा की है। G20, Global Investors Meet और Kumbh जैसे आयोजनों में यूपी की भूमिका को पूरे विश्व ने सराहा।

भारत को ऐसे ही नेतृत्व की आवश्यकता है, आज जब देश विविध सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों से गुजर रहा है, तब योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं की आवश्यकता अधिक है—जो न केवल धर्मनिष्ठ हों, बल्कि निर्णायक, सख्त, दूरदर्शी और निष्कलंक भी हों। योगी जी का जीवन यह प्रमाणित करता है कि एक साधु सत्ता में रहकर भी तपस्वी हो सकता है और सत्ता को साधना बना सकता है।
इसलिए उन्हें केवल मुख्यमंत्री कहना उनके व्यक्तित्व का सीमित मूल्यांकन होगा; वे भारत के एक नैतिक, आध्यात्मिक और प्रशासनिक युगपुरुष हैं।

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