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मोक्ष
MOKSHA
आत्म-उत्कर्ष और पूर्ण स्वतंत्रता की यात्रा
मोक्ष जीवन का चरम पुरुषार्थ है — बन्धनों से मुक्ति, अहंकार से पार, और आत्मा की परम शांति में स्थिति।
यह वह स्थिति है जहाँ जीवन की उलझनें समाप्त होती हैं और चेतना पूर्ण ज्ञान, करुणा और मुक्तता में विलीन हो जाती है।
मोक्ष केवल मृत्यु के बाद की प्राप्ति नहीं, बल्कि यह जीते-जी प्राप्त की जाने वाली चेतन स्थिति है — जहाँ व्यक्ति साक्षी बनकर जीता है, स्वयं में स्थित होकर विश्व से जुड़ता है।
धर्म दिशा देता है, अर्थ आधार, काम रस, और मोक्ष लक्ष्य।
इन चारों का संतुलित समन्वय ही "पूर्ण मानव जीवन" की संकल्पना है — यही Hindi.Wiki के मूल दर्शन का आधार है...










