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मनोरंजन: जीवन की मधुर संगीतमय धारा
मनोरंजन: जीवन की मधुर संगीतमय धारा— जहाँ थम जाता है तनाव, खिल उठती है चेतना मनुष्य की चेतना केवल श्रम और चिंतन में नहीं सिमटी है, वह...
Jul 12


सामाजिक विज्ञान: समाज और मानवता के अध्ययन का महत्व
जब समाज बनता है विषय सामाजिक विज्ञान केवल एक अध्ययन विषय नहीं, बल्कि यह मानव सभ्यता की आत्मा को समझने की चेष्टा है। यह उस प्रक्रिया का...
Dec 16, 2024


शनि की दिव्यता और ज्योतिष की आध्यात्मिक कथा
शनि को अकारण भयभीत करने वाला ग्रह मानना भ्रांति है। वे केवल अन्याय और अधर्म के विरोधी हैं, लेकिन धर्म, सत्य, सेवा और साधना के मार्ग पर चलने वालों के लिए शनि देव सबसे बड़े हितैषी हैं। शनि की कृपा से मनुष्य कर्म से ऊपर उठकर मोक्ष की दिशा में अग्रसर होता है। यह आवश्यक है कि हम भय नहीं, श्रद्धा और अनुशासन के साथ शनि की उपासना करें और जीवन को तप, सेवा और धर्म के मार्ग पर चलाकर उनके आशीर्वाद के पात्र बनें।
Dec 7, 2024


सक्षम भारत की ओर एक ऐतिहासिक कदम: ‘प्रोजेक्ट उद्भव’ और भारतीय सेना की सामरिक चेतना का पुनर्जागरण
भारत की भूमि केवल ऋषियों और संतों की नहीं रही है, यह वीरों और समर नायकों की भी जन्मभूमि रही है। वेदों से लेकर महाभारत तक और मौर्य-गुप्त...
May 1, 2024


जब प्रेम ने धर्म को प्राथमिकता दी: श्रीराम के वनगमन पर लक्ष्मण का मौन समर्थन
"तस्मादसक्तः सततं कार्यं कर्म समाचर ।असक्तो ह्याचरन्कर्म परमाप्नोति पूरुषः ॥"(अर्थात बिना फल की इच्छा के कर्म करते हुए व्यक्ति परम लक्ष को प्राप्त करता है)।लक्ष्मण ने इसी भाव से धर्म के प्रति अटूट निष्ठा रखते हुए श्रीराम को रोकने का प्रयत्न नहीं किया।
Mar 21, 2024


श्रीराम ने संसार का संहार क्यों नहीं किया? एक आध्यात्मिक-दार्शनिक दृष्टिकोण
अवतार का उद्देश्य: संहार नहीं, संरक्षण
हिंदू धर्म में अवतारों का उद्देश्य होता है –
“धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।”
श्रीराम का अवतरण रावण रूपी अधर्म को समाप्त करने और रामराज्य स्थापित करने के लिए हुआ था।
सम्पूर्ण सृष्टि का विनाश उनके उद्देश्य के विपरीत होता।
Mar 21, 2024


वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह की ऊर्जा को संतुलित करने के 10 आध्यात्मिक उपाय
श्रीकृष्ण की शिक्षाओं और वैदिक ज्योतिष के अध्ययन के माध्यम से, हम आपके लिए बुध ग्रह की ऊर्जा को संतुलित करने के 10 आध्यात्मिक उपाय प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपके जीवन में आध्यात्मिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास लाने में सहायक होंगे।
Jul 11, 2023


श्रीराम ने देवी सीता के हरण के बाद भी संसार का संहार क्यों नहीं किया?
श्रीराम, एक दिव्य अवतार होकर भी, एक मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनका जीवन धर्म के अनुसार जीने का एक आदर्श उदाहरण है। उनके हर कार्य में केवल शक्ति नहीं, अपितु संयम, करुणा और cosmic (ब्रह्मांडीय) संतुलन की झलक मिलती है। जब रावण ने देवी सीता का हरण किया, तो श्रीराम ने संसार का अंत न करके धर्म के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया। इसके पीछे कई गहरे आध्यात्मिक और दार्शनिक कारण थे:
Jul 11, 2023


नवजागरण की राह पर भारत: ग्रामीण पर्यटन का उज्ज्वल भविष्य
जहाँ गाँव है, वहाँ भारत की आत्मा है।’ भारतीय ग्राम्य जीवन केवल भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक अनुभव है। हरे-भरे...
Feb 14, 2023


“सूर्य की भूमि: ललितादित्य का वैभव और मार्तण्ड मंदिर की दिव्यता”
भारत की दिव्य सूर्य परंपरा और कश्मीर की स्वर्णिम धरोहर भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में सूर्य का स्थान सर्वोच्च है—वह केवल एक ग्रह नहीं,...
May 9, 2022
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