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मनोरंजन: जीवन की मधुर संगीतमय धारा
मनोरंजन: जीवन की मधुर संगीतमय धारा— जहाँ थम जाता है तनाव, खिल उठती है चेतना मनुष्य की चेतना केवल श्रम और चिंतन में नहीं सिमटी है, वह...
Jul 12


भारत में X के सब्सक्रिप्शन प्लान हुए सस्ते — अब प्रीमियम एक्सपीरियंस सिर्फ ₹170 से शुरू
अब एड-फ्री एक्सेस, ब्लू टिक और AI फीचर्स होंगे पहले से ज्यादा किफायती; X ने भारत में घटाईं कीमतें, सब्सक्रिप्शन में 47% तक की बड़ी छूट...
Jul 11


सावरकर का साहित्य: राष्ट्रचेतना, सांस्कृतिक गौरव और हिन्दुत्व का दिव्य चिंतन
सावरकर का साहित्य: राष्ट्रचेतना, सांस्कृतिक गौरव और हिन्दुत्व का दिव्य चिंतन— एक कालजयी विचारधारा, जो शब्दों में अग्नि बनकर प्रज्वलित...
May 28


समाज और राष्ट्र के मार्गदर्शक – विचार, व्यक्तित्व और भूमिका
“एक समाज के उत्थान की दिशा उस प्रकाश की ओर होती है, जो उसे उसके मार्गदर्शकों से प्राप्त होता है।” हर सभ्यता, हर राष्ट्र, हर युग की पीठिका...
Dec 16, 2024


आदिशक्ति का अलौकिक रूप – श्री मालण बाईसा
।। "ॐ श्री गणेशाय नमः" ।। राज राजेश्वरी परब्रह्म विश्वरूप भगवती आदिशक्ति श्री मालण बाईसा (सृष्टि की एकमात्र माँ भगवती जगदम्बा पार्वती का...
Dec 7, 2024


कश्मीर का शिल्प और सांस्कृतिक संवाद: एक पुनर्जागरण की कहानी
जब शिल्प बनता है संस्कृति का दूत भारत की शिल्प परंपरा उसकी सांस्कृतिक चेतना की अमूल्य अभिव्यक्ति है। विशेषतः कश्मीर का शिल्प क्षेत्र,...
Dec 1, 2024


प्रकाश से प्रज्ञा तक: गुरु नानक देव जी और उनकी शिक्षाओं की आज के युग में प्रासंगिकता
जब अंधकार में जन्म लेता है एक प्रकाश प्रकाश पर्व केवल एक पावन स्मृति नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक जागरण की वर्षगांठ है — एक ऐसे युगद्रष्टा...
Nov 18, 2024


"भाषा और साहित्य: राष्ट्र की आत्मा, समाज का आईना"
"भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, यह सभ्यता की आत्मा है। साहित्य केवल लेखन नहीं, यह समाज का दर्पण है।" भाषा और साहित्य – ये दोनों किसी भी...
Sep 14, 2024


भारतीय शिक्षा के पुनरुत्थान की यात्रा: कोठारी आयोग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तक
शिक्षा – राष्ट्र निर्माण की आत्मा किसी भी सभ्य और समृद्ध राष्ट्र की बुनियाद उसकी शिक्षा प्रणाली पर टिकी होती है। शिक्षा केवल ज्ञान का...
Jul 18, 2024


सक्षम भारत की ओर एक ऐतिहासिक कदम: ‘प्रोजेक्ट उद्भव’ और भारतीय सेना की सामरिक चेतना का पुनर्जागरण
भारत की भूमि केवल ऋषियों और संतों की नहीं रही है, यह वीरों और समर नायकों की भी जन्मभूमि रही है। वेदों से लेकर महाभारत तक और मौर्य-गुप्त...
May 1, 2024


श्रीराम ने संसार का संहार क्यों नहीं किया? एक आध्यात्मिक-दार्शनिक दृष्टिकोण
अवतार का उद्देश्य: संहार नहीं, संरक्षण
हिंदू धर्म में अवतारों का उद्देश्य होता है –
“धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।”
श्रीराम का अवतरण रावण रूपी अधर्म को समाप्त करने और रामराज्य स्थापित करने के लिए हुआ था।
सम्पूर्ण सृष्टि का विनाश उनके उद्देश्य के विपरीत होता।
Mar 21, 2024


नवजागरण की राह पर भारत: ग्रामीण पर्यटन का उज्ज्वल भविष्य
जहाँ गाँव है, वहाँ भारत की आत्मा है।’ भारतीय ग्राम्य जीवन केवल भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक अनुभव है। हरे-भरे...
Feb 14, 2023


भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का प्रभाव और स्वतंत्रता संग्राम
भारत में ब्रिटिश शासन का आगमन एक व्यापारिक कंपनी के रूप में हुआ, परंतु समय के साथ यह शासन व्यवस्था में बदल गया और लगभग दो सौ वर्षों तक...
Dec 7, 2010
